उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड (UPBOCW PORTAL)

समूचे देश में श्रमिक समुदाय एक मुख्य स्थान रखता है। भवन या किसी भी अन्य तरीके से जो निर्माण कार्य से जुड़े रहते है उन्हें श्रमिक कहते है। ये श्रमिक असंगठित समुदाय के अंदर आते है। उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिकों की देखरेख और उनके उत्थान के लिए अलग से एक श्रम विभाग बनाया है। ये श्रम विभाग श्रमिकों के जीवन को अच्छा करने के लिए कई तरह की योजनायें चलाते है साथ ही ये उन्हें अच्छा रोजगार देते है। उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रम विभाग के लिए भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड बनाया है जो एक आधिकारिक ऑनलाइन पोर्टल है। जिसमें श्रम विभाग से जुडी सभी जनकारी उपलब्ध है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के द्वारा इस पोर्टल से जुडी समस्त जानकारी विस्तार से देने वाले है। हमारे इस आर्टिकल को अंत तक ध्यान से पढ़े, ताकि आप समस्त जानकरी को अच्छे से समझ सके।

नामभवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड  (UPBOCW)
राज्यउत्तर प्रदेश
विभागश्रम विभाग
लाभार्थीश्रमिक
अधिनियम कब बना1996
उत्तर प्रदेश श्रम एवं सेवायोजन मंत्रीस्वामी प्रसाद मौर्या
सचिव बोर्डअरविन्द कुमार चौहान
आधिकारिक पोर्टलhttp://upbocw.in
हेल्पलाइन नंबर18001805412

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड क्या है?

राज्य में आम जनता को अच्छी सुविधा देने के लिए अलग-अलग वर्गों के लोगों को अलग-अलग विभागों में बांटा गया है ताकि हर विभाग अपना काम अच्छे से कर सके।

श्रम विभाग उत्तर प्रदेश का एक प्रशासनिक प्रधान है जो कि राज्य के श्रमिक वर्ग को देखता है। श्रमिक विभाग के सर्वोच्च अधिकारी प्रमुख सचिव होते हैं जो कि मुख्य रूप से बड़े अधिकारी का कार्यभार संभालते हैं। इनके अंदर ही विभिन्न स्तर के अधिकारी और कर्मचारी काम करते हैं।

विभिन्न कारखानों उद्योगों में काम करने वाले जितने भी श्रमिक होती है उनकी समस्याओं का हल अधिकारियों द्वारा निकाला जाता है। अधिकारी शब्द की समस्याओं को सुनकर उसका हल जल्द से जल्द निकालते हैं ताकि श्रम विभाग राज्य में अच्छे से कार्य कर सकें। 

उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड का गठन

भवन एवं निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड अधिनियम 1996 में बना था। इसके अंतर्गत विभिन्न राज्यों को अपने स्तर पर श्रमिक कल्याण बोर्ड का गठन करना था। जिसके चलते भारत देश के समस्त राज्यों में अलग-अलग राज्यों के श्रम विभाग बोर्ड बनाए गए हैं।

इन विभागों में अध्यक्ष सचिव श्रमिक और अन्य सदस्य मिलकर काम करते हैं। संवर्ग श्रम वर्ग भारत का एक ऐसा वर्ग है जो कि अत्यंत संवेदनशील है इनका कार्य अस्थाई होता है। श्रमिक और अधिकारियों के बीच में कोई संबंध नहीं होता है। श्रमिकों के कार्यों का समय भी अनिश्चित होता है। इन श्रमिकों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं प्राप्त है। जिस तरह का कार्य करते हैं उससे इनके जीवन और इनके शरीर पर खतरा हमेशा बना रहता है।

18 मई 1995 को श्रम मंत्रियों के बीच में 41 वे सम्मेलन का आयोजन किया गया। यहां सभी राज्य श्रम मंत्रियों ने एक साथ सम्मति देते हुए यह निर्णय लिया कि यह एक केंद्रीय कानून बनना चाहिए। श्रमिकों को सुरक्षा स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजना का लाभ देने के लिए 3 नवंबर 1995 को संसद में एक अध्यादेश लागू किया गया। 20 जून 1996 को भवन एवं अन्य संनिर्माण श्रमिक अध्यादेश राष्ट्रपति द्वारा लागू कर दिया गया। 

असंगठित श्रमिक कौन है?

किसी भी तरह के निर्माण कार्य में कार्यरत श्रमिक जो अत्यंत जोखिम पूर्ण परिस्थिति में काम करते हैं, जिनका रोजगार स्थान एवं नियमित होता है, जिनकी आय का साधन अनियमित होता है उनके कार्य अवधि निश्चित होती है, असंगठित श्रमिक कैटेगरी में रखा गया है। 

इन लोगों को अच्छी और कल्याणकारी सुविधा देने के लिए श्रम विभाग बनाया गया है। असंगठित श्रमिकों की स्थिति अत्यंत ही कमजोर और दयनीय होती है क्योंकि यह किसी भी ऐसे वर्ग में नहीं आते हैं जहां से सरकार द्वारा इन्हें लाभ प्राप्त हो सके। 

उद्देश्य:

भवन निर्माण कार्य में लगे हुए श्रमिक एक ऐसा असंगठित वर्ग है जो कि हमारे समाज का अत्यंत गणित और निम्न वर्ग समझा जाता है। समाज में ऐसे लोगों का सुधार होना अत्यंत आवश्यक है। इसीलिए सरकार ने एक कल्याणकारी बोर्ड का गठन करना जरूरी समझा।

असंगठित श्रमिकों की दैनिक स्थिति में सुधार एवं उन्हें आर्थिक रूप से सहायता एवं मजबूती देना सरकार का मुख्य उद्देश्य है। उत्तर प्रदेश श्रम विभाग मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के असंगठित श्रमिकों के लिए कार्यरत है क्योंकि उन्हें अलग-अलग तरह की योजनाओं के द्वारा आर्थिक सहायता दे रहा है।

हमारे देश का कानून इतना प्रभावशाली नहीं है कि वहां देश के निचले वर्गों की समस्त जानकारी रख सके। श्रमिक विभाग जोकि अत्यंत जो कि पूर्व परिस्थिति में काम करता है कई बार बड़ी बड़ी दुर्घटनाओं का शिकार हो जाता है। इन दुर्घटनाओं की सही सही जानकारी सरकार को नहीं मिल पाती है जिससे श्रमिक विभाग में सुधार बहुत दुर्लभ था।

श्रमिकों की सुरक्षा कल्याण और उन्हें अन्य सुविधा देने के लिए एक महत्वपूर्ण विभाग की आवश्यकता महसूस की गई, इसी के चलते भारत सरकार द्वारा भवन एवं अन्य निर्माण कर्मकार अधिनियम का श्रजन 1996 में हुआ।

श्रमिक पंजीयन ऑनलाइन प्रक्रिया (Labour Online Registration Process)

उत्तर प्रदेश के श्रमिक को निर्माण कार्य से जुड़े है, चाहे वो किसी भी वर्ग, जाति, धर्म के हो श्रम विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन करा कर सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा सकते है।

जो भी इस पोर्टल में रजिस्टर होगा, उसे सरकार द्वारा भिन्न भिन्न सुविधाओं का लाभ दिया जायेगा। जो श्रमिक इस पोर्टल में अपना नाम दर्ज करा सकते है, उनके लिए सरकार ने कुछ पात्रता सुनिश्चित की है, जो इस पात्रता को पूरा करेगा वही इस पोर्टल में आवेदन कर सकता है।

श्रमिक पंजीकरण पात्रता शर्तें एवं नियम (Eligibility Criteria)

  • मूल निवासी – उत्तर प्रदेश श्रम विभाग में वही श्रमिक अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते है जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी है। अन्य राज्यों के लोग यूपी श्रम विभाग के पोर्टल में आवेदन नहीं कर सकते है।
  • आयु – सरकार ने श्रमिकों की आयु भी सुनिश्चित की है। जिनकी आय 18 से 60 के बीच है, वो इस विभाग के पोर्टल में आवेदन कर लाभ उठा सकते है।
  • 90 दिन कार्यरत – पोर्टल में वही आवेदन कर सकते है, जिन श्रमिक ने एक वर्ष में कम से कम 90 दिन काम किया हो। इसका प्रमाण भी उन्हें देना होगा।
  • बैंक अकाउंट – जो श्रमिक आवेदन करना चाहते है, उनके पास खुद के नाम का बैंक खाता होना अनिवार्य है। इस बैंक खाते में ही सरकार द्वारा जी जाने वाली आर्थिक सहायता की राशी आएगी।
  • श्रमिक जो निर्माण कार्य करते है वो इस पोर्टल में आवेदन कर सकते है। इसके लिए सरकार ने लगभग 40 वर्ग तय किये है। जिसमें बेल्डिंग, बढई, कुआं खोदने वाले, रोलर चलाने वाले, छप्पर डालने वाले, राजमिस्त्री, लोहार, सड़क निर्माण वाले, पुताई, मिक्सर चलाने वाले आदि श्रमिक आते है। इसकी पूरी जानकारी आपको श्रम विभाग के आधिकारिक पोर्टल में मिल जाएगी।

श्रमिक पंजीकरण के लिए जरुरी दस्तावेज (Required Documents)

  • श्रमिक को अपनी 2 पासपोर्ट साइज़ फोटो जमा करनी होगी।
  • नियोजन प्रमाण पत्र या स्वघोषणा पत्र।
  • श्रमिक को अपना आधार कार्ड जमा करना अनिवार्य है।
  • श्रमिक को अपने बैंक अकाउंट की जानकारी विस्तार से देनी होगी जैसे बैंक खाता नंबर, खाताधारक का नाम, शाखा एवं आईऍफ़एससी कोड।

श्रमिक पंजीकरण शुल्क (Registration Fee)

वैसे श्रमिक पंजीकरण के लिए सरकार ने 20 रूपए आवेदन शुल्क एवं 20 रूपए पहले वर्ष का अंशदान तय किया था। सरकार ने एक साथ तीन वर्ष तक का अंशदान जमा करने की सुविधा भी श्रमिकों को दी है। वर्तमान में कोरोना काल से सरकार ने इस शर्त को बदल दिया है। सरकार ने तय किया है कि 31/3/2021 तक किसी भी तरह कोई शुल्क नहीं लगेगा। कोई भी श्रमिक पंजीकरण शुल्क या नवीनीकरण शुल्क या विलम्ब शुल्क जमा नहीं करेगा।

श्रमिक पंजीकरण ऑफलाइन आवेदन प्रक्रिया:

सरकार ने श्रमिकों के आवेदन के लिए ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों प्रक्रिया शुरू की है। ऑफलाइन प्रक्रिया निम्नलिखित है –

  • श्रमिक को श्रम विभाग में अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहते है वो अपने करीबी जन सुविधा केंद्र, लोकवाणी केंद्र, या श्रम विभाग के कार्यलय में जाकर आवेदन कर सकते है।
  • यहाँ आप नया आवेदन फॉर्म लेकर उसमें पूछी गई सभी जानकारी को सही सही अच्छे ढंग से भर दे।
  • अब फॉर्म के साथ सभी जरुरी दस्तावेज को भी संलग्न कर कार्यालय के अधिकारी को जमा कर दें। फॉर्म की जांच पड़ताल के बाद आपका पंजीकरण हो जायेगा।

श्रमिक पंजीकरण ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया (Online Registration Process)

श्रमिक ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते है। इसके लिए या आप स्वयं श्रम विभाग के पोर्टल में जाकर रजिस्ट्रेशन कर सकते है या अपने कारबी जन सेवा केंद्र जाकर वहां के अधिकारीयों की मदद से यह कार्य कर सकते है। श्रमिक पंजीकरण ऑनलाइन प्रक्रिया निम्नलिखित है –

Step 1: सबसे पहले श्रम विभाग के आधिकारिक पोर्टल में जाएँ।

Step 2: यहाँ उपर श्रमिक आइकॉन पर जाएँ, अब यहाँ ड्रापडाउन बॉक्स ओपन होगा, जिसमें आपको श्रमिक पंजीयन/संशोधन विकल्प दिखाई देगा। इस पर क्लिक कर आप नए पेज पर पहुँच जायेगें.

श्रमिक पंजीयन

डायरेक्ट लिंक – क्लिक हियर

Step 3: अब एक नया पेज खुलेगा जिस पर एक फॉर्म होगा। इस फॉर्म में आपको आधार कार्ड नंबर डालना होगा, अगर आप फॉर्म में संशोधन करना चाहते है तो साइड में दिखाई दे रहे बॉक्स में पनियां संख्या डालें।

श्रमिक पंजीयन का आवेदन/संसोधन

अब मंडल का चयन करे, अब अपने जनपद क्षेत्र का चयन करें. अंत में अपना मोबाइल नंबर डालें. अंत में आवेदन/संशोधन बटन पर क्लिक करे।

Step 4: अगर आप अपना आवेदन संख्या भूल गए है तो आप इसे ऑनलाइन प्राप्त कर सकते है।

इसके लिए आप इसी फॉर्म में नीचे अपनी आवेदन पंजीयन संख्या खोजें पर क्लिक करें। अब अगले पेज पर आधार नंबर और मोबाइल नंबर डाल क्लिक करें.

 पंजीयन संख्या जाने

श्रम पोर्टल में आवेदन से जुडी अन्य सुविधा

  • पंजीयन की स्थिति
  • नवीनीकरण की स्थिति
  • श्रमिक सर्टिफिकेट डाउनलोड करने की सुविधा
  • चेक श्रमिकों की सूचि (जनपद एवं ब्लाक वार)
  • स्वप्रमाण पत्र डाउनलोड करने की सुविधा

ये सभी सुविधा आपको upbocw के आधिकारिक पोर्टल में मिलेगी, इसके लिए आपको आधार कार्ड संख्या, मोबाइल नंबर एवं पंजीयन संख्या की आवश्कता होगी.

श्रम विभाग योजना सूची और उसकी विस्तृत जानकारी

यहाँ हम आपको सरकार द्वारा श्रमिको के लिए लागु की गई योजना की जानकारी दे रहे है, ये सभी योजनाओं की पात्रता शर्ते, दस्तावेज एवं आवेदन प्रक्रिया अलग अलग है. हम यहाँ आपको विस्तृत जानकारी दे रहे है, विस्तार से जानकारी प्राप्त करने के लिए आपको ऑफिसियल साईट पर जाना होगा. यहाँ हम आपको योजना की पूरी लिस्ट दे रहे है –

  • मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना – इस योजना का लाभ लाभार्थी को प्रथम दो प्रसव तक मिलेगा. इसके साथ ही महिला अगर श्रमिक होगी तो उसका लाभ मिलेगा. इसके साथ ही बालिका मदद योजना का लाभ उनको मिलेगा जिनकी पहली एवं दूसरी संतान लड़की होगी. निसंतान दंपति अगर किसी बच्ची को गोद लेते है तो भी वो इस योजना का लाभ उठा सकते है. मातृत्व हितलाभ में पुरुष श्रमिक को 6000 रूपए एक बार में मिलेंगें. दम्पति का अगर लड़का होता है तो 20 हजार एवं लड़की होने पर 25 हजार रूपए मिलेंगें. आवेदन के लिए आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक जानकारी आदि देना होगा.
  • संत रविदास सहायता शिक्षा योजना – जो श्रमिक रजिस्टर है, उनके अधिकतम दो बच्चे जो 25 वर्ष से कम है, वे कक्षा पहली से उच्च शिक्षा तक आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते है. इसके अतर्गत कक्षा 1 से 5 तक 150/- प्रतिमाह, 6 से 10 तक 200/- प्रतिमाह, कक्षा 11 व 12 250/- प्रतिमाह मिलेंगे, स्नातक करने पर 1000 रूपए, पोस्टग्रेजुएट होने पर 2000 रूपए. इसके साथ ही इंजीनियरिंग या मेडिकल करने पर 8000 रूपए प्रतिमाह, अनुसन्धान करने पर 12 हजार हर माह सरकार हित लाभ देगी. जो भी बालिका 10 एवं 12 पास हो जाते है उन्हें सरकार की तरफ से साईकिल दी जाएगी.
  • मेधावी छात्र पुरुस्कार योजना – सरकार अच्छे अंक वालों को पुरुस्कृत राशी देगी. पांचवी से नौवी में जिसके 55 से अधिक अंक आयेंगें, दसवी से बारहवी 50 से अधिक अंक एवं अन्य उच्च शिक्षा में 60 से अधिक अंक मिलने पर सरकार की तरफ से हित लाभ मिलेगा.
  • आवासीय विद्यालय योजना – जो भी निर्माण से जुड़े श्रमिक पंजीकृत है, उनके बच्चे जो छः से चौदह वर्ष के बीच है उन्हें अच्छी शिक्षा देने के लिए, आवासीय विद्यालय में प्रवेश दिया जायेगा. ये पूर्णतः निशुक्ल है.
  • कौशल विकास, तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना – सरकार पंजीकृत श्रमिक को कौशल विकास मिशन के अंतर्गत निशुल्क प्रशिक्षण देगी, इसके बाद श्रमिक की मूल्यांकन परीक्षा भी होगी.
  • सौर उर्जा सहायता योजना – जिस श्रमिक के पास स्थाई घर है, उसे इस योजना का लाभ मिलेगा. योजना में लाभार्थी को 02 एल0ई0डी0 बल्ब, 01 डी0सी0 टेबल फैन, 01 सोजर पैनल, चार्जिंग कन्ट्रोलर, 01 मोबाइल चार्जर इनस्टॉल किया जायेगा. एक परिवार से एक सदस्य एक बार ही लाभ प्राप्त कर सकता है.
  • कन्या विवाह अनुदान योजना – पंजीकृत श्रमिक जिसकी बेटी की शादी है, या खुद श्रमिक महिला की शादी है उसे इस योजना का लाभ मिलेगा. योजना में 55 हजार और 61 हजार दो वर्गों को दिए जायेंगें. जिसके पंजीयन को कम से कम 100 दिन हो जायेंगे उसे ही इस योजना का लाभ मिलेगा. योजना में नाबालिग को ही लाभ दिया जायेगा.
  • आवास सहायता योजना – योजना के अंतर्गत नया घर बनाने के लिए सरकार की तरफ से 1 लाख रूपए दिए जायेंगे, इसके अलावा अगर कोई घर की मरम्मत कराना चाहता है तो उसे 15 हजार की राशी मिलेगी. एक लाभार्थी को एक ही लाभ मिलेगा. योजना का लाभ उसे ही मिलेगा जिसके पास मकान बनाने के लिए भूमि है.
  • शौचालय सहायता योजना – लाभार्थी को शौचालय बनाने के लिए सरकार की तरफ से 12 हजार रूपए देगी, जो दो किश्तों में मिलेगा. यह राशी बैंक खाते में सीधे आएगी. योजना का लाभ उसे ही मिलेगा जिनके पास खुद का घर है, लेकिन शौचालय की सुविधा नहीं है.
  • चिकित्सा सुविधा योजना – सरकार श्रमिक को अच्छे स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा के लिए हित लाभ देगी. विवाहित को इसमें 3000  रूपए एवं अविवाहित को 2000 रूपए की राशी सीधे बैंक में दी जाएगी.
  • आपदा राहत सहायता योजना – योजना के अंतर्गत लाभार्थी को 1000 रूपए की राशी मिलेगी. कोरोना काल में यह योजना शुरू हुई है.
  • महात्मा गाँधी पेंशन योजना – श्रमिक को हर माह योजना के अंतर्गत 1000 रूपए प्रतिमाह मिलेगी. इसमें 2 वर्ष बाद वृद्धि भी हो जाएगी. 60 वर्ष के उपर के लोगों को इसका लाभ मिलेगा.
  • गंभीर बीमारी सहायता योजना – सरकार श्रमिको को इस योजना का लाभ दे रही है, इसका लाभ आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत दिया जायेगा.
  • मृत्यु, विकलांगता सहायता एवं अक्षमता पेंशन योजना – श्रमिक की कार्यस्थल पर मृत्यु होने पर पांच लाख रूपए दिए जायेंगें. इसमें से 1 लाख की राशी सीधे बैंक खाते में और बाकि की राशी फिक्स डिपाजिट के द्वारा दी जाएगी.
  • अन्त्येष्टि सहायता योजना – उत्तर प्रदेश सरकार किसी श्रमिक की मृत्यु के बाद उस परिवार के लोगों को 25 हजार रूपए की धनराशी प्रदान करेगी. योजना का लाभ उन्हें ही मिलेगा जो श्रमिक पहले से श्रम विभाग में रजिस्टर है.
  • पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेतना योजना – इस योजना का लाभ सिर्फ पंजीकृत श्रमिकों को ही मिलेगा.

उपर बताई गई सभी योजना का लाभ पंजीकृत श्रमिक को ही मिलेगा, इसके लिए यह भी जरुरी है कि कोई भी श्रमिक कम से कम 100 दिन से पस विभाग में रजिस्टर हो।

योजना के आवेदन की स्थिति ऑनलाइन चेक करें

कोई भी श्रमिक अगर किसी योजना के लिए आवेदन करता है तो वो अपने आवेदन की जांच ऑनलाइन कर सकता है। इसके लिए यहाँ क्लिक करे, अब इस नए पेज में आप अपनी आवेदन संख्या डालें और सबमिट कर दें. अब यहाँ नए पेज में आपको उस आवेदन की वर्तमान स्थति दिख जाएगी.

योजना में लाभान्वित श्रमिक की जांच

आप ऑनलाइन चेक कर सकते है कि कौन कौनसे श्रमिक किस योजना का लाभ प्राप्त कर रहे है. इसके लिए इस लिंक पर क्लिक करे, अब यहाँ अपनी जनपद और जिस योजना में अपना नाम चेक करना है उसे सेलेक्ट करे, सबमिट करने पर आपको श्रमिकों की लिस्ट दिख जाएगी.

संपर्क करने का तरीका

श्रमिकों को अगर पोर्टल में कोई भी समस्या होती है तो वो डायरेक्ट संपर्क कर सकते है, संपर्क करने के लिए पोर्टल में कई विकल्प है. यहाँ हम आपको सारी जानकारी विस्तार से दे रहे है –

  • कार्यालयों का पता – उत्तर प्रदेश में जितने भी श्रम विभाग के कार्यालय है, उनका पता आप ऑनलाइन यहाँ चेक कर सकते है. इस लिंक पर क्लिक कर आपको पूरी लिस्ट मिल जाएगी.
  • हेल्पडेस्क – श्रम विभाग ने एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जहाँ फ़ोन लगाकर सीधे आप अपनी बात रख सकते है. हेल्पलाइन नंबर है 18001805412
  • शिकायत – श्रमिक सीधे अपनी शिकायत भी विभाग तक पहुंचा सकते है. साथ ही अपनी शिकायत की स्थति की जांच भी कर सकते है. शिकायत करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें, यहाँ अपनी शिकायत लिख कर जमा करे, जिसके बाद आपको एक शिकायत नंबर जनरेट होगा, इस नंबर के द्वारा आप इस पोर्टल द्वारा ही अपनी शिकायत की जांच भी कर सकते है.

UPBOCOW उत्तर प्रदेश सरकार का एक सरकारी पोर्टल है। जहाँ आपको श्रमिक से जुडी साड़ी जानकारी विस्तार से मिलेगी। पोर्टल को समय समय पर अपडेट भी किया जाता है। जिसमें नयी नयी जानकारी भी अपडेट होती जाती है। हमने अपने इस आर्टिकल में आपको सभी जानकारी को विस्तार से देने का प्रयास किया है। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है तो कमेंट करके जरुर बताएं। साथ ही अगर ऐसे और आर्टिकल आप चाहते है तो भी अपने सजेशन हमें दें।