Abd 400 Tablet Uses in Hindi

Abd 400 tablets डॉक्टर द्वारा आम तौर से पेट के कीड़े को मारने के लिए सेवन की सलाह दी जाती है। ज्यादातर बच्चों के पेट में कीड़े की यह समस्या देखने को मिलती है, इस समस्या से राहत दिलाने में यह दवा काफी असरकारी माना जाता है। यह टैबलेट एंटीपैरासाइटिक दवा है जिसका इस्तेमाल पैरासिटिक वमर्स के संक्रमण के कारण होने वाली बीमारियों के उपचार हेतु किया जाता है। यह टैबलेट Intas pharmaceuticals limited company द्वारा संपादित किया गया है, जिसमें खास तौर पर Albendazole की मात्रा है जो संक्रमण को दूर रखती है।

Abd 400 tablets के उपयोग (Abd 400 mg tablets uses in Hindi) :-

Abd 400 tablets का उपयोग विशेष तौर पर संक्रमण के उपचार हेतु बहुत ही लाभकारी माना जाता है। इस tablets के अन्य प्रमुख उपयोग निम्नलिखित हैं –

  1. यह दवा मुख्य रूप से पेट में कीड़े हो जाने की तकलीफ से राहत पाने के लिए काफी असरदायक दवा माना जाता है‌। डॉक्टरों द्वारा भी इस टैबलेट को लेने की अनुमति दी जाती है। इस दवा का सेवन हर रोज खाना खाने से पहले करना चाहिए।
  2. इस दवा की खुराक मरीज की शारीरिक स्थिति, आयु, लिंग, मूल समस्या तथा अन्य कारकों पर निर्भर करता है, इसलिए चिकित्सकों से परामर्श से ही इस दवा का इस्तेमाल करें अन्यथा कुछ side effect देखने को मिल सकती हैं।
  3. यह एक एंटीबायोटिक दवा है जो परजीवी संक्रमण जैसी समस्याओं से भी छुटकारा दिलाने में बहुत ही लाभदायक माना जाता है। चिकित्सक भी ऐसी बीमारियों में इस दवा के सेवन की सलाह देते हैं।
  4. वैसे तो इस दवा के side effect से आम से लक्षण जैसे मतली, उल्टी, सिर दर्द, बाल झड़ना, हेपेटाइटिस, धुंधली दृष्टि, दस्त, पीलिया, स्टीवन, जॉनसन सिंड्रोम तथा पेट दर्द आदि की परेशानियां कुछ समय के लिए देखने को मिलती है। लेकिन यदि यह प्रभाव लंबे समय तक बना रहे तो, चिकित्सक से परीक्षण जरूर करवा लें और उनके इलाज अनुसार ही दवाओं का सेवन करें।
  5. यदि आप पहले से किसी गंभीर बीमारी जैसे हार्ट पेशेंट या लिवर पेशेंट या न्यूट्रोपेनिया से ग्रस्त है, तो इस दवा का इस्तेमाल करने से बचें या फिर डॉक्टर से स्वीकृति लेकर ही इस दवा का सेवन करें क्योंकि हार्ट और लीवर से पीड़ित रोगियों पर इस दवा का बुरा असर पड़ सकता है‌।
  6. गर्भवती महिलाएं या स्तनपान कराने वाली महिलाएं इस दवा के इस्तेमाल से दूर ही रहें क्योंकि यह दवा उनके शारीरिक स्थिति पर दुष्प्रभावी साबित हो सकता है। ऐसे में कभी-कभी गंभीर स्थितियां उत्पन्न होने की संभावना होती है। यदि डॉक्टर द्वारा निर्देशित किया जाए तभी इस दवा को अपने दिनचर्या में शामिल करें।
  7. पेट की आम परेशानियों में भी यह दवा काफी कारगर मानी गई है। इस दवा के सेवन करने के पश्चात कोई भारी काम ना करें और ना ही शराब या नशीली पदार्थों का सेवन करें क्योंकि इस दवा को लेने के पश्चात शरीर में सुस्ती-सी महसूस होती है, जो स्वास्थ्य के अनुकूल नहीं होता।
  8. साधारणतः इस टेबलेट का सेवन न्यूरोसिस्टिसरकोसिस यानी कि मस्तिष्क मांसपेशियों एवं अन्य टिशूज पर प्रभाव डालने वाली एवं जियार्डियासिस (आंतों के संक्रमण) जैसे रोगों के इलाज में भी बहुत कारगर साबित होती है।
  9. कुछ विभिन्न रोग जैसे आंतों का संक्रमण, फाइलेरिया, हाइडैटिड रोग एवं जठरांत्र संबंधी संक्रमण (एस्कारियासिस) जैसे तकलीफों के उपचार हेतु भी इस दवा का उपयोग किया जाता है।
  10. यह दवा शरीर में घुलकर शरीर को हानि पहुंचाए बिना परजीवी कीड़े को नष्ट कर देता है जिस कारण डॉक्टर भी इस दवा को कृमिनाशक दवा के रूप में निर्देशित करते हैं जो संवेदनशील जीवों को नष्ट करने में महत्वपूर्ण मानी जाती है।
  11. न्यूरोसिस्टेकिरॉसिस हाइडैटिड रोग प्रणालीगत संक्रमण जैसी समस्याओं में भी आराम पाने के लिए इस दवा को बहुत ही प्रभावकारी माना गया है।
  12. यह दवा शरीर में जाते ही सल्फोक्साइड के रूप में बदल जाता है तथा जो साइटोप्लाज्मिक माइक्रोट्यूबुल्स और टेक्टल कोशिकाओं के अध: पतन करने का काम भी करता है, जिससे चयापचय की क्रियाओं एवं ऊर्जा में कमी आती है और पैरासाइट या संक्रमण फैलाने वाले कीड़े भी नष्ट हो जाते हैं।
  13. कुछ दवाइयां, भोजन के साथ या शराबी जैसी नशीली पर्दाथों के साथ Abd 400 tablets का सेवन करने से कुछ प्रतिक्रिया देखने को मिलती है इसलिए इस दवा के उपयोग से पूर्व Gastroenterologist से सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा कभी-कभी इंटरैक्शन(एलर्जी प्रतिक्रिया) होने का खतरा भी होता है।
  14. इस दवा का प्रभाव 8-9 घंटो तक रहता है, इस दवा को नियमित रूप से निर्धारित समय तक लेना चाहिए, जिससे पूरी तरह से रोग पर असर हो सकें।
  15. इस दवा का सेवन डॉक्टरों द्वारा भी सुरक्षित बताया जाता है। यह दवा  शरीर में जाकर लार्वा और लक्षित कृमि के बड़े रूप को खत्म करने का कार्य करता है, जिसमें ट्यूबिलिन पोलीमराइजेशन लगाकर ऊर्जा की कमी हो जाती है और निर्दिष्ट कृमि की गतिशीलता भी कम हो जाती है, इस प्रकार यह दवा इसे नष्ट कर राहत दिलाता है।
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